<no title>नसबंदी का टारगेट', विवाद के बाद सरकार ने वापस लिया सर्कुलर

जनसंख्या नियंत्रण पर कमलनाथ सरकार ने अधिकारियों से कहा कि वो कम से कम एक व्यक्ति की नसबंदी कराएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनको जबरदस्ती वीआरएस दे दिया जाएगा.


मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने विवादित आदेश को वापस ले लिया है. मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हम सर्कुलर को वापस ले रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि राज्य सरकार ने आदेश वापस ले लिया है. हम किसी को बाध्य नहीं करेंगे और हम आदेश का अध्ययन करेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया गया है. उन्हें सचिवालय में ओएसडी बनाया गया है.


दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण पर कमलनाथ सरकार ने अजीबो-गरीब फरमान जारी किया था. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वो कम से कम एक व्यक्ति की नसबंदी कराएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनको जबरदस्ती वीआरएस दे दिया जाएगा और उनके वेतन में भी कटौती की जाएगी.


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पुरूष नसबंदी के लक्ष्य पूरा ना करने पर वेतन में कटौती और अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया गया था. इसके साथ ही आदेश में टारगेट पूरा ना करने पर नो पे, नो वर्क के आधार वेतन ना देने की बात कही गई थी. कर्मचारियों के लिए पांच से दस पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया है.


विवादित आदेश


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मध्य प्रदेश मिशन संचालक छवि भारद्वाज की ओर से जारी आदेश को राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, जिला अधिकारियों, सीएमओ और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजा गया था. साल 2019-20 में पुरुष नसबंदी की असंतोषजनक जाहिर करते हुए छवि भारद्वाज ने आदेश में पुरुष नसबंदी की गंभीरता से समीक्षा करने की अपील की थी.